अफ्रीकी चीतों की रहस्यमय मौत : 22 अप्रैल 2023 दिन रविवार को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक अफ़्रीकी चीतों में से उदय की मौत रहस्यमय तरीके से हो गई। इसी ढंग से ईरान में 28 फरवरी 2023 को पिरोज़ नामक चीते की मौत हुई थी सोशल मीडिया पर लोग #RIPPirouz लिखकर उसे अलविदा कह रहे थे। पिरोज़ को बचाने की हर संभव कोशिश की गई थी लेकिन वह चल बसा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस घटना को बीते अभी एक महीना हुआ था कि 27 मार्च को भारत के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में साशा नामक चीते की भी रहस्यमय ढंग से मौत हो गई थी। सासा उन 8 अफ्रीकी चीतों में से एक था इन्हें पिछले सितंबर है मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाकर बसाया गया था

भारत में 1952 में चीते को विलुप्त घोषित कर दिया:
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 1952 में चीते को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। उसके बाद से अभी तक भारत में चीते की प्रजाति विलुप्त मानी जाती है। सन 2022 में पीएम मोदी का जन्मदिन पर 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। तथा इसके कुछ महीने बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 अफ्रीकी चीतों को लाए गए थे। आज से लगभग 3 सप्ताह पहले एक मादा चीते ने 4 स्वस्थ चीजों को जन्म दिया। इस तरह कूनो नेशनल पार्क में अब चीतों की संख्या कुल 22 हो गई थी।
प्रमुख वर्ल्ड लाइफ वार्डन जे एस चौहान ने दी जानकारी :
भारत के प्रमुख वर्ल्ड लाइफ वार्डन जे एस चौहान ने बताया कि चीतों को किडनी में इंफेक्शन हुआ था जिन का इलाज बखूबी चल रहा था। इलाज के दौरान शनिवार को हमारी टीम द्वारा उदय को बिल्कुल स्वस्थ पाया गया। रविवार की सुबह जब वह देखी जांच की गई तो वह कमजोर लगा और सर झुका कर चल रहा था। फिर उसे इलाज के लिए लाया गया लेकिन इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया।
किडनी में इन्फेक्शन की वजह से हो रही अफ्रीकी चीतों की मौत:
जे एस चौहान ने बताया कि जीतू की मौत की वजह किडनी में इन्फेक्शन है। उनके अनुसार चीतों को शायद किडनी का इन्फेक्शन नामीबिया में ही हो गया था। और जिसका समय रहते पता नहीं चल पाया। जिस कारण उनकी मौत हो रही है।उनका कहना है की जल्द ही इसका इलाज किया जायेगा जिससे बाकी चीतों को सुरक्षित रखा जा सके।